सरकार ने कड़े शब्दों में कहा है कि डाटा सुरक्षा के नाम पर आतंकवादियों, अपराधियों और भ्रष्टाचारियों को निजता का कोई अधिकार नहीं है। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने गुरुवार को राज्यसभा में एक पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि 'आधार और निजता के अधिकार से जुड़े मामलों के फैसले में शीर्ष न्यायालय ने स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा था कि निजता का अधिकार मौलिक अधिकार है और उसका सम्मान किया जाना चाहिये।' साथ ही उन्होंने यह भी कहा, 'हम भी निजता के अधिकार का सम्मान करते हैं लेकिन एक आतंकवादी, भ्रष्ट या अपराधी के लिए निजता का कोई अधिकार नहीं होता है।'
इससे जुड़े कानून के विधेयक को मिली मंजूरी
प्रसाद ने कहा कि आधार मामले में भी शीर्ष न्यायालय ने साफ तौर पर कहा है कि सरकार को निजी डाटा सुरक्षा के लिए मजबूत कानून बनाना चाहिये। मंत्रिमंडल ने इससे जुड़े कानून के विधेयक को मंजूरी दे दी है और अब शीघ्र ही इसे सदन में पेश किया जायेगा।
कांग्रेस के प्रदीप भट्टाचार्य ने पूछा था कि निजी डाटा सुरक्षा के लिए जिस प्रकार सरकार मजबूत कानून बना रही है,क्या उसी तर्ज पर आधार कानून में भी बदलाव करने पर सरकार विचार करेगी।
आधार डाटा को सुरक्षा के लिए बेहतर तरीके से डिजाइन किया
प्रसाद ने डाटा की गोपनीयता को जरूरी बताते हुए कहा कि आधार के डाटाबेस से डाटा के उल्लंघन का कोई उदाहरण सामने नहीं आया है। उन्होंने कहा कि आधार डाटा केन्द्रों की सुरक्षा के लिए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण की बेहतर तरीके से डिजाइन की गयी बहुस्तरीय सुदृढ़ प्रणाली कार्यरत है और इसे लगातार उन्नत किया जा रहा है, ताकि डाटा सुरक्षा और निष्ठा के शीर्ष स्तर को कायम रखा जा सके