रबी विपणन वर्ष 2020-21 के लिए किसान पंजीयन एवं उपार्जन के संबंध में कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान द्वारा एक बैठक आयोजित कर निर्देशित किया गया कि जिन किसानों के रकबा एवं फसल में भिन्नता हो, पंजीयन केंद्र प्रभारी उन किसानों का रिकॉर्ड रजिस्टर संधारित करें।ऐसे किसानों की सूची पटवारी को उपलब्ध कराएं। जिला सहकारी बैंक तथा अधीक्षक भू-अभिलेख द्वारा कार्रवाई की जाएगी। बैठक में जिला आपूर्ति अधिकारी श्री विवेक सक्सेना, उपायुक्त सहकारिता श्री परमानंद गडरिया, उपसंचालक कृषि श्री जी.एस. मोहनिया, डीआईओ श्री एन.एस. चौहान उपस्थित थे बताया गया कि रवि उपार्जन के लिए कृषि विभाग अधीक्षक भू-अभिलेख से बोए गए रकबे की समीक्षा उपरांत जिले का उपार्जन लक्ष्य संशोधित किया गया है। लक्ष्य के अनुसार गेहूं का उपार्जन 1 लाख 80 हजार मेट्रिक टन तथा चना, मसूर एवं सरसों के लिए 20 हजार मैट्रिक टन उपार्जन लक्ष्य रखा गया है। लक्ष्य के अनुरूप पिछले साल के 44 उपार्जन केंद्रों के अतिरिक्त भी 16 उपार्जन केंद्र खोलने के लिए समिति सदस्यों द्वारा प्रस्ताव किया गया जिसके अनुसार जिले में 60 उपार्जन केंद्रों पर गेहूं खरीदी प्रस्तावित की गई है। नियम अनुसार 16 अन्य समितियों तथा खरीदी स्थल के प्रस्ताव प्रेषित करने हेतु उपायुक्त सहकारिता एवं महाप्रबंधक सीसीबी को कलेक्टर द्वारा निर्देशित किया गया। जिले के लिए संशोधित 1लाख 80 हजार मैट्रिक टन गेहूं के लक्ष्य के व्यवस्थित भंडारण के लिए प्रदेश वेयर हाउसिंग एंड लॉजिस्टिक कार्पोरेशन के जिला प्रबंधक को निर्देशित किया गया कि वह रिक्त संग्रहण क्षमता के संबंध में रीजनल मैनेजर उज्जैन को अवगत कराएं। अतिरिक्त उपार्जित होने वाली जिंसों के संग्रहण हेतु कहां भेजे जाना है, उसका प्रस्ताव रीजनल मैनेजर से प्राप्त करें। प्रबंध संचालक वेयरहाउसिंग को सूचित करने का निर्देश भी दिया गया। कलेक्टर ने किसान पंजीयन की भी समीक्षा की धीमे पंजीयन को दृष्टिगत रखते हुए हर एक 6 घंटे में पंजीयन केंद्र के अनुसार किसान पंजीयन संख्या की मॉनिटरिंग करने के निर्देश उपायुक्त सहकारिता को दिए गए